आयशा की माँ | Mother of Aaysha

आयशा घर के आँगन में झाड़ू लगा रही है। तभी अचानक आयशा को 3 दिन से खाना न खाने के कारन पेट में दर्द होने लगता है। ओर आयशा दीवार के सहारे बैठ कर अपना पेट पकड़ कर रोने लगती है। तभी वहां पर आयशा की चाची आयशा के पास आकर बैठती है।

आयशा की चाची आयशा का कान पकड़ कर ओर कान को मोड़ते हुए आयशा से कहती है - 

क्यों री महारानी आज फिर तू पेट दर्द का बहाना मारकर बैठी है ना। घर का काम कौन करेगा?

आयशा - मैं करूंगी चाची मगर!

आयशा की चाची आयशा को थप्पड़ मारकर, कान को मरोड़ते हुए - क्या बोली? मगर। ... तुझे पता है ना मुझे तेरा ये अगर मगर बिलकुल भी पसंद नहीं है। अब भौक क्या भौकना चाहती है। 

आयशा - चाची जी भूख के मारे मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है। मुझे बहुत भूख लगी है, प्लीज कुछ खाने को दो ना। 

आयशा की चाची - अच्छा! तो महारानी को अब कुछ खाने को चाहिए। घर का काम तो तुझसे कुछ होता नहीं है। ऊपर से बस सारा दिन खाने को - खाने को - खाने को, चल ठीक है ठीक तू भी क्या याद करेगी अपनी चाची को। अभी तेरे लिए कुछ खाने को लेकर आती हूँ।  

आयशा - तुम सच बोल रही हो चाची, मुझे आज कुछ खाने को मिलेगा। 

आयशा की चाची - हाँ हाँ तू देख, आज मै तेरे लिए क्या खाने को लेकर आती हूँ। उसे खाकर तेरी आत्मा भी प्रसन्न हो जाएगी। (यह कह कर आयशा की चाची आयशा के लिए खाना लेने जाती है)

आयशा - अब मजा आएगा। अब मुझे 3 दिन बाद कुछ खाने को मिलने वाला है। 

आयशा की चाची - (एक डंडी लेकर आयशा के पास आती है) अब बोल तुझे खाने को क्या चाहिए 

आयशा - नहीं चाची, मुझे कुछ नहीं चाहिए। 

कुछ नहीं चाहिए, अरे! ऐसे कैसे नहीं चाहिए। अभी तो तू बोल रही थी ना कि मुझे बहुत जोर की भूक लगी है। मुझे कुछ खाने को दे दो। 

आयशा - नहीं चाची मैंने पानी पी लिया, अब मेरी भूक मिट गयी। 

आयशा की चाची - अगर भूक मिट गयी हो महारानी की तो फिर घर के काम पर लग जा। और वैसे भी तुझे याद है ना, के तुझे 5 दिन में सिर्फ 1 दिन खाने को मिलता है। ओर अभी 5 दिन होने में ओर 2 दिन बाकी है। समझ गयी ना। 

आयशा की - हाँ चाची मैं समझ गयी। 

आयशा की चाची - चल खड़ी हो लगा झाड़ू। (आयशा का हाथ पकड़ कर) खड़ी हो लगा झाड़ू। (अब आयशा झाड़ू लगाने लगती है) सारा काम हो जाना चाहिए समझ गयी। 

झाड़ू लगाते लगाते आयशा के पेट में फिर से दर्द होने लगता है, और वह दीवार के सहारे बैठ जाती है। 

आयशा - माँ आप और पापा जी मुझे अकेला छोड़कर अल्लाह के पास क्यों चले गए। माँ आप मुझे भी अपने साथ ले जाओ ना। माँ चाची मुझे रोज पीटती है ओर खाने को भी नहीं देती। माँ आप मुझे अपने पास बुला लो, वर्ना मैं खुद ही आपके पास आ जाउंगी। 

आयशा की माँ - आयशा कैसी है तू ? ( आयशा अपनी माँ के गले लग कर रोने लगती है)

आयशा की माँ - मेरी बेटी देख मैं आ गयी ना। 

आयशा - माँ मगर आप तो अल्लाह के पास चली गयी थी ना मुझे छोड़ कर। 

आयशा की माँ - बेटा माँ हूँ ना, माँ कभी अपने बच्चो से दूर नहीं होती बेटा। ओर तुझे भूक लगी है ना। 

आयशा - हां माँ, मुझे भूक लगी है चाची ने मुझे 3 दिन से कुछ भी खाने को नहीं दिया है। 

आयशा की माँ - रुक बेटी मैं तेरे लिए कुछ खाने को लाती हूँ। (आयशा की माँ गायब हो जाती है) 

आयशा - ओ माँ तुम कहाँ गयी?

आयशा की चाची मजे से फल खा रही है 

फलो की टोकरी गायब हो जाती है 

आयशा की चाची टोकरी गायब होने पर चौक जाती है ( नजदीक का सीन)

आयशा की चाची आस पास फलो की टोकरी को देखती है। (दूर का सीन)

आयशा की माँ - देख मेरी बेटी, मैं तेरे लिए क्या लायी हूँ। 

आयशा - पर माँ 

आयशा - तुम अचानक कहाँ चली गयी थी।

आयशा की माँ - बेटी मैं तेरे लिए कुछ खाने को लेने गयी थी 

आयशा की माँ आयशा को खाने के लिए केला देती है। ओर आयशा केले को छीलना शुरू करती है। 

आयशा की चाची आयशा को केला छीलते हुए देख लेती है। 

आयशा केला खाने लगती है 

आयशा की चाची गुस्से में आयशा के पास जाती है 

आयशा की चाची आयशा के पास आकर - आयशा आज तेरी खैर नहीं है, अब तू चोरी करना भी सीख गयी। 

आयशा - नहीं चाची जी मैंने कोई चोरी नहीं की 

आयशा की चाची - अच्छा तो तूने चोरी नहीं की, फिर ये खाने के लिए केला तेरे पास कहाँ से आया। 

आयशा - चाची जी ये केला मुझे मेरी माँ ने दिया है। 

आयशा की चाची - आयशा तेरी माँ को मरे हुए 8 साल हो गए है। अब तेरी माँ जिन्दा कैसे हो गयी वापस। 

आयशा - चाची जी मैं सच बोल रही हूँ, ये देखो ये खड़ी मेरी माँ। माँ मैं सच बोल रही हूँ ना 

आयशा की चाची - आयशा! अब तू मुझे पागल समझने लगी है क्या ? तुझे पता भी है ये कौन से फल है ? आर्गेनिक फल है, ये आर्गेनिक फल। इन फलो को बिना केमिकल के इटावा ओर झांसी के खेतो में उगाया जाता है।पूरे शहर में यह फल कही नहीं मिलते है। मैंने ऊपर लिंक पर क्लिक करके Eat Right Basket कंपनी से इन फलो को मंगाया है। ओर तूने इन फलो को खाकर झूठा कर दिया है। ओर ऊपर से बोलती है की मैंने चोरी नहीं की, तू रुक आज मैं तुझे सबक सिखाती हूँ, ओर बताती हूँ की चोरी कैसे होती है। 

आयशा - माँ अब मुझे चाची डंडो से मारेगी। प्लीज माँ मुझे बचा लो। 

नहीं बेटी तेरी चाची तुझे मरना तो क्या, तुझसे ऊँची आवाज में भी बात नहीं कर पायेगी। देख मैं क्या करती हूँ अब। 

आयशा की चाची आयशा को डंडी से मारती है किन्तु आयशा की माँ डंडी को पकड़ लेती है। 

डंडी किसने पकड़ी चाची यह देखने लगती है आस पास 

आयशा की माँ डंडी को पकड़ कर खुश होती है ओर आयशा भी 

आयशा की चाची - ये डंडा किसने पकड़ रखा है 

आयशा मुँह पर हाथ लगाकर हस्ती है 

सीन 32 

आयशा की माँ डंडे को छीन कर आयशा की चाची को मारने लगती है। 

आयशा की चाची - मुझे माफ़ कर दो, कौन मार रहा है मुझे, मुझे दिखाई क्यों नहीं दे रहा है कोई। 

आयशा की माँ - मैं जरीना की आत्मा हूँ। 

आयशा की चाची - अरे जरीना बहन, आप मुझे मार क्यों रही हो ?

यह सीन पहले ही लिया जा चूका है ( सीन 31)

आयशा की माँ - तू मेरी फूल जैसी बच्ची को मरती है, उससे घर के सरे काम करवाती है। ओर उसे भूखा भी रखती है। अरे चाची भी तो एक माँ होती है। पर तू तो माँ के नाम पे कलंक है, डायन है तू, डायन। 

आयशा की चाची - ज़रीना बहन मुझे माफ़ कर दो, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी है, प्लीज। 

आयशा की माँ - मैं तुझे माफ़ी नहीं, मैं तुझे अपने साथ लेकर जाउंगी, अपने साथ। 

आयशा की चाची - नहीं बहन जरीना मैं ना अपने माँ बाप की कसम खा के कहती हूँ। कि मैं आज के बाद ना आयशा को कभी परेशान नहीं करूंगी। (सीन 36 add करना है) ओर आयशा का मैं कल ही स्कूल में नाम लिखवा दूँगी ओर उसे खूब पढ़ाऊंगी। बहन कान पकड़ के कहती हूँ। आज के बाद ना मैं आयशा को कभी नहीं मारूंगी। और जैसे आयशा आपकी बेटी है ना, मैं वैसे ही उसे अपनी बच्ची समझ के प्यार करूंगी। बस आप मुझे माफ़ कर दो। 

चाची को माफ़ी मांगते देखकर आयशा बहुत खुस होती है 

आयशा की माँ - कान खोल कर सुन ले यास्मीन अगर आज के बाद तूने मेरी बेटी से ऊँची आवाज में बात भी की ना तो सोच मैं तेरा क्या हाल करूंगी। 

आयशा की चाची - जरीना बहन मैं ना कान पकड़ कर दोबारा माफ़ी मांगती हूँ आपसे। मुझे माफ़ कर दो आज के बाद ना मैं यह गलती दोबारा नहीं करूंगी। 

आयशा की चाची - क्योंकि मुझे ना भूतो से बहुत डर लगता है। 

आयशा की माँ - मेरी बेटी आयशा आज के बाद तेरी चाची तुझे कुछ नहीं कहेगी। 

आयशा - नहीं माँ मैं आपको नहीं जाने दूँगी।     

आयशा की माँ - आयशा मुझे जाना होगा। पर जब तू मुझे बुलाएगी मैं तेरे पास आ जाउंगी मेरी बेटी। 

आयशा - (माँ के गायब हो जाने के बाद आयशा जोर से माँ कह कर पुकारती है)

आयशा की चाची - (डरते डरते आयशा की माँ की आत्मा को देखती रहती है)

आयशा - (माँ के जाने के बाद जोर जोर से रोटी है)

आयशा की चाची - (आयशा के पास जाकर कहती है) चुप हो जा मेरी बच्ची, चुप हो जा मेरी आयशा। तू रो मत। आज से मैं हूँ ना तेरे पास तेरी माँ। 


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