सीन - 1
सुनील सेट्टी - (गाते हुए) तुम दिल की धड़कन में....... सीन - 2
शिल्पा शेट्टी - उफ़ देव, बहोत हो गया। अब बंद भी करो मेरी तारीफ।
सीन - 3
सुनील सेट्टी - (गाते हुए) रहते हो...... बस तुम रहते हो
सीन - 4
(कार आकर रूकती है)
सुनील सेट्टी - Ok अंजली कल ठीक 12 बजे .... अब इन्तिज़ार मत करवाना प्लीज Bay
सीन 5 -
शिल्पा शेट्टी - देव !
सीन 6 -
(सुनील सेट्टी कार में से उतरते हुए पीछे मुड़कर अंजली की तरफ देखता है)
सीन 7 -
शिल्पा शेट्टी - आज फिर दरवाजे से ही लौटा दोगे। माँ से नहीं मिलाओगे।
सुनील सेट्टी - मिलाऊँगा ........ फिर कभी
सीन 8 -
शिल्पा शेट्टी - नहीं ! मैं आज ही माँ से मिलकर रहूंगी बस
सीन 9 -
सुनील सेट्टी - ज़िद है तुम्हारी
सीन 10 -
शिल्पा शेट्टी - बिलकुल
सीन 11 -
सुनील सेट्टी - चलो
सीन 12 -
शिल्पा शेट्टी - (यह सुनकर बहुत खुस होती है)
सीन 13 -
शिल्पा शेट्टी - (अंजली घर के दरवाजे पर आती है और देखती है कि माँ घर पर एक रेडीओ में एक गाना सुन रही है)
सीन 14 -
शिल्पा शेट्टी - माँ जी
सीन 15 -
माँ - (रेडीओ को बंद करते हुए) कौन ?
सीन 16 -
शिल्पा शेट्टी - माँ जी मैं....... मैं
सीन 17 -
माँ - (अंजली की तरफ आते हुए) कौन है?...... कौन है?
शिल्पा शेट्टी - माँ...... माँ जी मैं वो..... देव
माँ - (खुश होकर) आह ! ...... एक मिनट हां ... मैं बताती हूँ ... अंजली ...... यहाँ क्यों खड़ी हो? आओ अंदर आओ। इधर आओ। ..... यहाँ बैठो। इतनी दूर क्यों हो करीब आओ। कितनी खूबसूरत हो तुम अंजली?
सीन 18 -
शिल्पा शेट्टी - आपसे कम, लेकिन आपने मुझे इतनी जल्दी पहचान कैसे लिया ?
सीन 19 -
माँ - मैं नहीं पहचानूगी। हमेशा जो देव की आँखों में देखती रहती हूँ।
सीन 20 -
शिल्पा शेट्टी - क्या देव ने मेरे बारे में आपसे सब कुछ बता दिया है।
सीन 21 -
माँ - कहाँ बात करता है वो मुझसे। तुम्हारे आलावा किसी ओर से बात करता ही कहाँ है ? लेकिन मैं भी तो माँ हूँ। अपनी औलाद की हर धड़कन को जानती हूँ। ओर उसकी हर धड़कन में बस सिर्फ एक ही नाम है। अंजली
सीन 22 -
शिल्पा शेट्टी - (हसते हुए) ये देव कहाँ चला गया ? कमाल है ना माँ, अकेले ही भेज दिया मुझे आपसे मिलने के लिए। हर वक्त नाराज रहता है ये देव। देव इतना नाराज क्यों रहता है माँ ?
सीन 23 -
माँ - मुझसे नाराज है।
सीन 24 -
शिल्पा शेट्टी - आपसे क्यों ?
सीन 25 -
माँ - मैं तुमसे कुछ नहीं छुपाउंगी। ओर फिर तुमसे कुछ छुपाना तो भी नहीं चाहिए ना। जो जिंदगी भर के सम्बन्ध होते है। वो किसी दबे हुए राज़ की बुनियाद पर खड़े नहीं किये जा सकते। मैं बिन बियाही माँ हूँ अंजली। ओर मेरी जिंदगी का ये दाग, मेरी औलाद के सीने का नासूर बन गया है। वो कुछ कहता तो नहीं है। लेकिन ये जख्म उसे अंदर ही अंदर खाये जा रहा है। मैं अपने किये पर शर्मिंदा नहीं हूँ अंजली। मैंने तो सिर्फ मोहब्बत की थी। लेकिन हुआ ये, के दगा किसी ने दिया। और सजा किसी को मिली। जानती हो दुनिया मेरी औलाद को नाजायज बुलाती है। ओर अब तो उसको अपना दिल भी उसे नाजायज बुलाने लगा है। अब मैं उसे कैसे समझाऊं, के मोहब्बत कभी नाजायज नहीं होती। शायद तुम अंजली .... तुम उसे ये सब समझा सको, उसका हर जखम भर सको। उसका दाग मिटा सको। मुझसे वादा करो अंजली। तुम हमेशा उसका साथ निभाओगी। वादा करो....... वादा करो अंजली।
सीन 24 -
शिल्पा शेट्टी - हाँ माँ मैं वादा करती हूँ। मैं हमेशा देव का साथ निभाऊंगी। कभी अकेला नहीं छोडूंगी उसे। मैं वादा करती हूँ।
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