दो लाइट्स ऑन होती है।
एक्शन टेकर - 65 by 1 take-1, Action
कलाकार 1 - हाँ हाँ, मैं एक मुजरिम हूँ, ओर जुर्म की इस काली
Camera man - Cut it
कलाकार 1 - I am sorry यार, मेकअप इधर आ
गोविंदा - हु हूँ हु हूँ
एक्शन टेकर - Take-1, Action
कलाकार 1 - हाँ हाँ, मैं एक मुजरिम हूँ, ओर
Camera man - Cut it
कलाकार 1 - Sorry यार
गोविंदा - कलाकार 1 को देखते रहते है।
कलाकार 1 - हाँ हाँ, मैं एक मुजरिम हूँ, ओर ! ये किसके गेस्ट है ? हटाओ यार सूटिंग हो रही है।
गोविंदा - कलाकार 1 को देखते रहते है।
एक्शन टेकर - Take-9, Action
कलाकार 1 - हाँ हाँ, मैं एक मुजरिम हूँ, यार ये लाइट ऑफ करो, पूरी कॉन्सेंट्रेशन ब्रेक हो रही है।
डायरेक्टर - Change this ssssss, chahge this light
कलाकार 1- Makeup
डायरेक्टर - He need concentration....... ediyat
डायरेक्टर - अरे बाल सवारना छोड़ एक्टिंग कर एक्टिंग
गोविंदा - कलाकार 1 को देखते रहते है।
एक्शन टेकर - Taking -Take-38, Action
कलाकार 1 - हाँ, Silence, ये बूम मेरे मुँह में डालोगे, ऊपर करो, सूटिंग हो रही है मजाक हो रहा है
गोविंदा - हा हा हा हा
डायरेक्टर - Who is the hell laughing ? Who is that?
गोविंदा - हसने पर सर्मिन्दा होते हुए
डायरेक्टर - ए ! क्या रे तू हसा?
डायरेक्टर- तू हसा
गोविंदा - Sorry, शाहब
डायरेक्टर - What the hell sorry!
गोविंदा - क्या है साहब अभी, आप उनको इतने अच्छे तरीके से समझा रहे है। हम लोगो को समझ में आ गया, लेकिन उनको समझ में नहीं आ रहा है।
डायरेक्टर - तेरी समझ में आया क्या ? तेरी समझ में आया
गोविंदा - हाँ
डायरेक्टर - तू ये सब डायलॉग बोलेगा
गोविंदा - हाँ मेरेको याद है ना डायलॉग
डायरेक्टर - इतना लम्बा डायलॉग उधर जाकर बोलेगा तू.... कैमरा के सामने
गोविंदा - कलाकार 1 की तरफ इशारा करते हुए, बुरा मान जायेंगे
डायरेक्टर - तू डायलॉग बोलेगा
गोविंदा - नहीं साब, बुरा मान जायेंगे वो
डायरेक्टर - तू डायलॉग बोलेगा
गोविंदा - ठीक है साब आप बोलते है तो बोल के बताता हूँ
डायरेक्टर - चल देखता हूँ तुझे
गोविंदा - हाँ हाँ, मैं एक मुजरिम हूँ, जुर्म की काली दुनिया के लोग मेरे नाम से भी कांपते है। इंसानियत के नाम पर बदनुमा धब्बा हूँ मैं। मैं जानता हूँ, मैं जानता हूँ की तुम मेरे नाम से भी नफरत करती हो। मुझे बहुत बड़ा गलत इंसान समझती हो। मगर मेरा ये विश्वास है, के दुनिया का कोई इंसान बुरा आदमी नहीं होता। कोई आदमी अपनी माँ के पेट से बुरा पैदा नहीं होता।
गोविंदा - कोई चोर अपनी खुसी से चोरी नहीं करता। कोई डाकू अपनी खुसी से डाका नहीं डालता। कोई तबायफ अपनी खुसी से अपना जिस्म नहीं बेचती। वक्त ओर हालात, वक्त ओर हालात इंसान को बुरा बनने पर मजबूर कर देते है।
गोविंदा - ओर तुम तो अच्छी तरह से जानती हो, के भूख ओर गरीबी से मरे हुए इंसान को कफ़न भी नसीब नहीं होता। तब से, तब से मैंने जिंदगी में बस एक ही चीज सीखी है, एक ही सबक पाया है। के दुनिया में गरीब पैदा होना कोई जुर्म नहीं कोई पाप नहीं। लेकिन गरीब मरना सबसे बड़ा जुर्म है सबसे बड़ा पाप है।
डायरेक्टर - प्रामु प्रामु
डायरेक्टर - कमाल कर दिया, कमाल कर दिया। क्लैपिंग क्लैपिंग
एयरपोर्ट - भगवान कसम क्या प्रोग्राम दिखा दिया तूने ? सच कहूँ जिंदगी में दो बार खुस हुआ हूँ। एक दिन जब देश को आजादी मिली थी। ओर एक दिन आज, जब मेरे दोस्त को कामयाबी मिली है।
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