जब सीधी उंगली से घी न निकले, तो टेढ़ी कर के निकाल लो

दोस्तों, जय हिन्द !

मेरा नाम असलम दीन भिस्ती है। ओर आज के इस ब्लॉग में मैं आपको एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी की जानकारी देने जा रहा हूँ। तो चलिए, दोस्तों शुरू करते है। 

दोस्तों, इस कहानी में सात लोगो का रोल है। एक रोल में मैं यानी असलम हूँ, ओर इसके आलावा चार दोस्त, होटल मालिक व् होटल का एक वेटर भी शामिल है। 


दोस्तों, बहुत समय पहले की बात है, लगभग सन 2010 में मैं एक बार मुंबई में गया हुआ था। ओर मैं मुंबई में ''हाजी अली'' नामक एक दरगाह पर घूमने के लिए गया था। ''हाजी अली दरगाह'' में घूमने के बाद मैं आराम करने के लिए एक जगह पर बैठ गया, जहाँ पर कुछ लोग और भी बैठे हुए थे, ओर आराम कर रहे थे। 

कुछ देर के बाद मेरी नजर चार दोस्तों पर पड़ी, जो आपस में कुछ बात कर रहे थे। उनकी बातों से मुझे लग रहा था कि वह चारो दोस्त किसी न किसी बात से परेशान थे। तभी अचानक उन चार दोस्तों में से एक लड़का मेरे पास आया ओर मुझसे कहने लगा। 

लड़का - भाई! क्या आप हमारी कुछ मदद कर सकते हो? 

असलम - मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ? ओर आपकी क्या परेशानी है? आप मुझे बताएं। हो सकता है मैं आपकी परेशानी जानकर आपकी कुछ मदद कर दू। 

लड़का - भाई ! हम चारो दोस्त अपने गांव से 6 दिन पहले यहाँ शहर में काम की तलाश में आये थे। हम पिछले 6  दिन से यहाँ पर काम की तलाश कर रहे है। किन्तु हमें कहीं पर भी काम नहीं मिल रहा है। हमारे पास जो पैसा था उससे हमने 4 दिन तक खाना खाया है। ओर 4 दिन के बाद हमारे पैसे ख़त्म हो गए थे। इसलिए पिछले दो दिनों से हम चारो दोस्तों ने कुछ भी नहीं खाया है। बस पानी पी कर जी रहे है। अब आप बताइये ऐसे हालत में आप हमारी कोई सहायता कर सकते हो। 

असलम - दोस्तों आप सब की जो परेशानी है उसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया है। ओर आपकी परेशानी को जानकार मैं बहुत दुखी भी हो रहा हूँ। ओर दोस्तों सबसे पहले तो मैं ये चाहता हूँ की आप सब को खाना मिले। 

लड़का - हाँ भैया ! हमें बहुत जोर से भूक लग रही है। अगर कुछ खाने को मिल जाये तो आपकी बहुत मेहर बानी होगी। 

असलम - देखो मेरे प्यारे भाइयो ! मैं आप सबको खाना खिलाना चाहता हूँ, किन्तु मैं आपको अभी खाना नहीं खिला सकता हूँ। ओर इसकी वजह यह है की मेरे पास भी पैसे नहीं है। मैं भी यहाँ किसी परेशानी से परेशान होकर यहाँ बैठा हूँ। ओर अपनी परेशानी का हल सोच रहा हूँ। 

मेरी यह बात सुनकर सब लड़के काफी दुखी हो जाते है। क्योंकि मेरे से बात करते हुए उनके मन में एक उम्मीद सी जाग गयी थी की शायद कोई रास्ता निकलेगा।  इसके बाद सब आपस में एक दूसरे के मुँह को देखने लगे। तब मैंने कहा-

असलम - अच्छा सुनो भाइयो ! मैं आपकी कुछ न कुछ सहायता करने की कोसिश जरूर करूंगा। मैं इस शहर में काफी समय से रहता हूँ। इसलिए मैं इस परेशानी का कोई न कोई हल जरूर निकाल दूंगा। आप बस मुझे सोचने के लिए कुछ समय दीजिये। 

लड़का - हाँ भैया ! आप सोचिये, हम इंतिजार करेंगे। हम सबको भूक लगने के कारन हम कुछ सोच नहीं पा रहे है। इसलिए भैया आप कुछ सोचिये ओर हमारी परेशानी का कोई न कोई हल जरूर निकालिये। 

असलम - ठीक है भाइयो तो मैं सोचना शुरू करता हूँ। 

लगभग 15 से 20 मिनट सोचने के बाद मेरे दिमाग में एक उपाय आया। तब मैंने उन लड़को से कहा -

असलम - देखो मेरे प्यारे भाइयो ! आपको यह जानकर बहुत खुसी होगी की मेरे मन एक ऐसा उपाय आया है जिससे आप सब की परेशानी दूर हो सकती है। 

पहला लड़का - सच भैय्या ! 

दूसरा लड़का - क्या उपाय आया है आपके मन में? 

तीसरा लड़का - हाँ भैया जल्दी से बताओ ना हमारे पेट में बहुत जोर से भूक लग रही है। 

असलम - हाँ मेरे प्यारे भाइयो, थोड़ा सा सब्र रखिये। मैं आपको जरूर बताऊंगा की आपकी परेशानी का उपाय क्या है? 

तब सभी दोस्त थोड़ी सी राहत की सांस लेते हुए एक दूसरे को देखने लगते है। 

असलम - लेकिन उपाय बताने से पहले मैं आपसे एक बात जानना चाहता हूँ। 

लड़का - हाँ भैया ! पूछिए आप क्या जानना चाहते है?

असलम - देखो भाइयो ! मुझे पता है कि आप सब को दो दिन से खाना न खाने की वजह से बहुत भूक लगी है। ओर मुझे यह भी पता है कि आप सब गांव से यहाँ पर शहर में काम करने के लिए आये हो। 

सब लड़के - हाँ भैया !

असलम - इसका मतलब यह है कि आप सब की दो परेशानियाँ है। 

सब लड़के - हाँ भैया !

असलम - तो अब आप मुझे ये बताइये कि पहले आप कोन सी परेशानी हल करना चाहते है। 

यह सुनकर सब दोस्त आपस में एक दूसरे का मुँह देखने लगते है। 

असलम - बताइये ! पहले आप खाना खाना चाहते है या फिर नौकरी पाना चाहते है। 

पहला लड़का - भैया पहले हम खाना खाना चाह्ते है। 

दूसरा लड़का - हाँ भैया ! पहले हम खाना ही खाना चाहते है। उसके बाद काम देखेंगे। 

असलम - तो ठीक है, मेरे प्यारे भाइयो। मैं आपको एक बात और बता देना चाहता हूँ, जिसको जानकर आप बहुत खुस हो जाओगे। 

पहला लड़का - सच में भैया 

असलम - हाँ भाई हाँ 

दूसरा लड़का - तो भाई जल्दी से बताओ ना 

असलम - Ok, देखो मेरे भाइयो मैंने आपकी परेशानी को दूर करने के लिए जो उपाय सोचा है, उस उपाय से आपको पेट भर कर खाना भी मिलेगा ओर आप सब को नौकरी भी मिलेगी। 

पहला लड़का - क्या बात कर रहे हो भैया!

असलम - हाँ मेरे भाई 

दूसरा लड़का - हाँ तो बताओ न भाई हमें क्या करना होगा ?

असलम - बस मैं जैसा कहता हूँ आप वैसा करते रहना, आपकी दोनों परेशानी दूर हो जाएँगी। 

पहला लड़का - लेकिन भाई ! हमें यह तो बताओ कि हमें करना क्या होगा। 

असलम - ठीक है तो सुनो ,,,

इसके बाद मैं उन सभी लड़को को पूरा प्लैन समझाता हूँ। मेरे द्वारा बताये गए प्लैन को जानकर सभी लड़के बहुत खुस हो जाते है। 

ओर फिर मैं उन सब लड़को की परेशानी को दूर करने के लिए अपने द्वारा बनाये गए प्लैन के मुताबिक अपने मिशन पर चल देते है। 

पहला लड़का - वाह भैया ! क्या प्लैन बनाया है आपने?

दूसरा लड़का - भैया हम तो आपके प्लैन को जानकर आपके बहुत बड़े फैन हो गए। 

तीसरा लड़का - काश भैया! आप हमें दो दिन पहले मिल गए होते तो हमें दो दिन तक भूका नहीं रहना पड़ता। 

चौथा लड़का - हाँ भैया! दो दिन भूका रहकर हम कैसे जिए है, यह बस हम ही जानते है। 

असलम - तो, ठीक है दोस्तों ! चलो चलते है। लेकिन आप सब एक बात का ध्यान रखना, मैंने जो तरीका आपको बताया है उसमे बिलकुल भी घबराना नहीं। सब कुछ अच्छे तरीके से करना है। 

एक लड़का - हाँ भैया! आप बेफिक्र रहिये। हम सब कुछ अच्छे तरीके से करेंगे। 

इसके बाद मैं उन सब लड़को को लेकर अपने साथ चल दिया। ओर मेरे प्लैन के अनुसार सबसे पहले मैंने उन सब लड़को को एक बहुत अच्छा होटल दिखाया। ताकि वह सब लड़के उस होटल में पेट भर कर खाना खा सके। ओर फिर प्लेन के अनुसार मैंने उन सब लड़को को होटल के अंदर खाना खाने के लिए भेज दिया। ओर मैं बहार से ही उन लड़को को देखने लगा। अंदर जाने के बाद सब लड़के एक टेबल पर बैठ गए। टेबल पर बैठने के बाद सब लड़को ने पहले टेबल पर रखे हुए पानी को पिया ओर वेटर का इन्तिज़ार करने लगे। कुछ देर बाद एक वेटर उनके पास आया ओर कहा -

वेटर - कहिये सर! आपको क्या चाहिए। 

लड़का - हमें आप मेनू कार्ड दे दीजिये। हम उसमे देखकर बताएंगे कि हमें क्या खाना है। 

वेटर - Ok Sir, यह लीजिये। 

2 मिनिट तक मेनू कार्ड देखने के बाद एक लड़का बोला। 

लड़का - आप हमें एक चिकेन तंदूरी, एक चिकेन फ्राइड राइस, एक चिकेन टिक्का, एक शाही पनीर व् मख्खन लगा कर रोटी लाईये। 

वेटर - Ok Sir 

इसके बाद वेटर आर्डर लेने के लिए चला जाता है व् लगभग दस मिनिट के बाद वह सब आर्डर लेकर आ जाता है। 

वेटर - यह लीजिये Sir आपके सभी ऑर्डर्स आ गए है। 

लड़का - ठीक है रख दीजिये। 

इसके बाद सब लड़को ने पेट भर कर खाना खाया। जब सब लड़को ने खाना खा लिया तब वेटर उनके पास उनका बिल लेकर आया। 

वेटर - ये लीजिये सर आपका बिल 

लड़का - ओके लाइए 

इसके बाद एक लड़का बिल के पैसे देने के लिए अपनी पैंट में से पर्स निकालने लगा। लेकिन लड़के की जेब में पर्स तो था ही नहीं इसलिए वह लड़का दुखी होकर वेटर से कहने लगा। 

लड़का - देखो भाई मुझे लगता है मेरा पर्स रास्ते में किसी ने चुरा लिया है। ओर अब हमारे कोई पैसा नहीं है। अब आप बताइये कि ऐसे हालात में हम क्या करे। 

वेटर - सर आप आपके किसी दोस्त या रिस्तेदार को बुलाकर हमारा बिल दे सकते है। 

लड़का - हम सब लड़के इस शहर में परदेशी है। हमारा यहाँ पर कोई नहीं है। 

वेटर - ठीक है मैं होटल के मालिक से बात कर के बताता हूँ। 

लड़का - ठीक है 

Continued...




Post a Comment

0 Comments